Wednesday, October 30, 2024
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Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics | ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने Lyrics

Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics

जब आदि गुरु दक्षिणामूर्ति ने अपना डमरू बजाया, तो चारों वेदों का ज्ञान प्रकट हुआ। Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics उसी परंपरा को आगे बढ़ाता है। यह भजन हमें शिव के उस रूप से परिचित कराता है, जो संहारक भी है और पालनहार भी। इसकी प्रत्येक पंक्ति हमें नटराज के उस नृत्य की याद दिलाती है, जिसमें सृष्टि का प्रारंभ और अंत समाहित है। Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics भक्तों को आमंत्रित करता है कि वे भी इस कोलाहल में शामिल हों और अपने भीतर के शिवत्व को पहचानें।

Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics – ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने – शिव भजन

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने – भजन लिरिक्स

मैं हिमाचल की बेटी
मेरा भोला बसे काशी
सारी उमर तेरी सेवा करुँगी
सारी उमर तेरी सेवा करुँगी
बनकर तेरी दासी

शंभु
शिव शिव शिव शिव शंभु
शिव शिव शिव शिव शंभु

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया
बम-बम, बम-बम
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया
बम-बम, बम-बम
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

डमरू को सुनकर जी कान्हा जी आए
कान्हा जी आए संग राधा भी आए
बम-बम, बम-बम
डमरू को सुनकर जी कान्हा जी आए
कान्हा जी आए संग राधा भी आए
बम-बम, बम-बम
वहाँ सखियों का मन भी मगन हो गया
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

डमरू को सुनकर जी गणपति चले हैं
डमरू को सुनकर जी गणपति चले
गणपति चले संग कार्तिक चले
गणपति चले संग कार्तिक चले
महा अम्बे का मन भी मगन हो गया
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

डमरू को सुनकर जी रामा जी आए
बम-बम, बम-बम
डमरू को सुनकर जी रामा जी आए
रामा जी आए संग लक्ष्मण जी आए
मैया सिता का मन भी मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

डमरू को सुनकर जी ब्रम्हा चले
यहाँ ब्रम्हा चले वहाँ विष्णु चले
डमरू को सुनकर जी ब्रम्हा चले
यहाँ ब्रम्हा चले वहाँ विष्णु चले
मैया लक्ष्मी का मन भी मगन हो गया
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

डमरू को सुनकर जी गंगा चले
गंगा चले वहाँ यमुना चले
बम-बम, बम-बम
डमरू को सुनकर जी गंगा चले
गंगा चले वहाँ यमुना चले
वहाँ सरयू का मन भी मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने

डमरू को सुनकर जी सूरज चले
सूरज चले वहाँ चंदा चले
बम-बम, बम-बम
डमरू को सुनकर जी सूरज चले
सूरज चले वहाँ चंदा चले
सारे तारों का मन भी मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics Video

Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics के साथ हमारी यह आध्यात्मिक यात्रा यहीं समाप्त नहीं होती, बल्कि एक नई शुरुआत करती है। अब जब भी कोई कठिनाई आएगी, हम शिव के डमरू की ध्वनि को याद करेंगे और जान लेंगे कि यह भी उसी महानृत्य का एक अंश है। इस भजन ने हमारे हृदय में शिव को स्थापित कर दिया है, और अब हमारा प्रत्येक श्वास उन्हीं का जाप करता है। इस तरह, यह भजन हमारे जीवन का एक अविभाज्य अंग बन जाता है, जो हमें निरंतर आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाता है।

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