राम नाम की महिमा अपरंपार है, और Bhaye Pragat Kripala Lyrics उस महिमा का एक झरोखा है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि श्री राम केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक आदर्श हैं – सत्य, न्याय, और करुणा के। Bhaye Pragat Kripala Lyrics के हर शब्द में झलकता है वो भाव, जो हमें अपने भीतर के राम को पहचानने की प्रेरणा देता है।
Bhaye Pragat Kripala Lyrics in Hindi
भए प्रगट कृपाला भजन लिरिक्स
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौसल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी ॥
लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा,
निज आयुध भुजचारी ।
भूषन बनमाला, नयन बिसाला,
सोभासिंधु खरारी ॥
कह दुइ कर जोरी, अस्तुति तोरी,
केहि बिधि करूं अनंता ।
माया गुन ग्यानातीत अमाना,
वेद पुरान भनंता ॥
करुना सुख सागर, सब गुन आगर,
जेहि गावहिं श्रुति संता ।
सो मम हित लागी, जन अनुरागी,
भयउ प्रगट श्रीकंता ॥
ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया,
रोम रोम प्रति बेद कहै ।
मम उर सो बासी, यह उपहासी,
सुनत धीर मति थिर न रहै ॥
उपजा जब ग्याना, प्रभु मुसुकाना,
चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै ।
कहि कथा सुहाई, मातु बुझाई,
जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ॥
माता पुनि बोली, सो मति डोली,
तजहु तात यह रूपा ।
कीजै सिसुलीला, अति प्रियसीला,
यह सुख परम अनूपा ॥
सुनि बचन सुजाना, रोदन ठाना,
होइ बालक सुरभूपा ।
यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं,
ते न परहिं भवकूपा ॥
दोहा:
बिप्र धेनु सुर संत हित,
लीन्ह मनुज अवतार ।
निज इच्छा निर्मित तनु,
माया गुन गो पार ॥
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अंत में, Bhaye Pragat Kripala Lyrics हमें एक महत्वपूर्ण संदेश देता है – कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में राम का जन्म होना चाहिए। जैसे राजा दशरथ के यहां राम का प्रागट्य हुआ, वैसे ही हमारे हृदय में भी राम के गुणों का प्रकटीकरण होना चाहिए। यह भजन हमें आह्वान करता है कि हम अपने जीवन को राममय बनाएं, अपने कर्मों से, अपने विचारों से, अपने व्यवहार से। इस तरह, यह भजन न केवल एक गीत बन कर रह जाता है, बल्कि एक जीवंत अनुभव बन जाता है, जो हमारे अस्तित्व के हर पहलू को प्रभावित करता है।
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