Tuesday, September 17, 2024
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Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics / पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा लिरिक्स

Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega

भक्ति का सार है निरंतर ईश्वर-दर्शन की लालसा। Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics इसी लालसा को शब्दों में पिरोता है। यह भजन हमें सिखाता है कि भगवान की खोज बाहर नहीं, बल्कि भीतर करनी चाहिए। वे हमारे आस-पास हैं, बस पहचानने की देर है। Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics एक ऐसा दर्पण है, जो हमें हमारा सच्चा स्वरूप दिखाता है – वह स्वरूप जो स्वयं नारायण का अंश है।

Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics / पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा लिरिक्स

पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा भजन लिरिक्स

राम, सियाराम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम

पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा

पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा

राम, सियाराम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम

नर शरीर अनमोल रे प्राणी प्रभु कृपा से पाया है
झूठे जग प्रपंच में पड़कर क्यों प्रभु को बिसराया है?
नर शरीर अनमोल रे प्राणी प्रभु कृपा से पाया है
झूठे जग प्रपंच में पड़कर क्यों प्रभु को बिसराया है?

समय हाथ से निकल गया तो
समय हाथ से निकल गया तो श्री धुन-धुन पछताएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा

दौलत का अभिमान है झूठा, यह तो आनी-जानी है
राजा-रंक अनेक हुए कितनों की सुनी कहानी है?
दौलत का अभिमान है झूठा, यह तो आनी-जानी है
राजा-रंक अनेक हुए कितनों की सुनी कहानी है?

राम नाम, प्रिय, महामंत्र ही
हो, राम नाम, प्रिय, महामंत्र ही साथ तुम्हारे जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा

झूठ, कपट, निंदा को त्यागो, हर प्राणी से प्यार करो
घर पे आए अतिथि कोई तो यथाशक्ति सत्कार करो
हाँ, झूठ, कपट, निंदा को त्यागो, हर प्राणी से प्यार करो
घर पे आए अतिथि कोई तो यथाशक्ति सत्कार करो

पता नहीं किस रूप में आकर
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा

Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Video

Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics हमें सिखाता है कि जीवन एक निरंतर खोज है – ईश्वर की खोज। और इस खोज में, हमें हर चीज़, हर व्यक्ति में उनकी झलक देखनी चाहिए। यह भजन हमारे हृदय में ऐसी श्रद्धा और विश्वास जगाता है कि हम निश्चित हो जाते हैं – एक दिन, किसी न किसी रूप में, हमारे नारायण हमें मिल ही जाएंगे। बस हमें धैर्य और विश्वास के साथ प्रतीक्षा करनी है।

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