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Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics / थाली भर कर ल्याई रै खीचड़ौ भजन लिरिक्स

Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics

खिचड़ी सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics इस सरल लेकिन पौष्टिक भोजन की महिमा का बखान करता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि जीवन में सादगी और संतोष का क्या महत्व है। इस गीत में खिचड़ी को भगवान का प्रसाद माना गया है, जो हमें शक्ति और स्वास्थ्य प्रदान करता है। आइए इस भजन के माध्यम से अपने जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिकता लाएं।

Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics / थाली भर कर ल्याई रै खीचड़ौ भजन लिरिक्स

थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ भजन लिरिक्स

थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी, जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।
बाबो म्हारो गांव गयो है, ना जाने कद आवैलो, ऊके भरोसे बैठयो सँवारा, भूखो ही रह जावैलो।
आज जिमाऊं तैने रे खीचड़ो, काल राबड़ी छाछ की, जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी ….
बार-बार मंदिर न जुड़ती, बार-बार में खोलती, कईया कोनी जीमे रे मोहन, करडी-करडी बोलती।
तू जीमे जद मैं भी जिमूं, मानू ना लाट की, जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाटी की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी ….
परदो भूल गयी सांवरियो, परदो फेर लगायो जी, सा परदो की ओट बैठ के, श्याम खीचड़ौ खायो जी,
भोला-भाला भगता सूं, सांवरिया कइंया आंट की जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी ….
भक्ति हो तो करमा जैसी सावरियो घर आवेलो, भक्ति भाव से पूर्ण होकर हर्ष- गुण गावेलो।
सांचो प्रेम प्रभु से हो तो मूरत बोले काठ की, जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की, र करमा बेटी जात की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी…..
जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की, र करमा बेटी जात की

Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Video

समापन में, Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics हमें याद दिलाता है कि भगवान की कृपा हर समय हम पर बरसती रहती है। खिचड़ी इस कृपा का प्रतीक है। यह भजन हमें सिखाता है कि हमें जो भी मिलता है, उसके लिए कृतज्ञ रहना चाहिए। आइए हम इस भजन के संदेश को अपने हृदय में बसाएं और हमेशा भगवान के प्रति आभारी रहें।

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