भक्ति का सार है समर्पण, और Bhar De Re Shyam Jholi Bhar De Lyrics इसका सजीव उदाहरण है। यह भजन एक भक्त की उस पुकार को दर्शाता है, जो अपने सखा श्याम से कहता है – मुझे कुछ नहीं चाहिए, बस तेरा प्यार दे दे। Bhar De Re Shyam Jholi Bhar De Lyrics की खूबसूरती इसकी सरलता में है, जो बताती है कि भगवान से मांगना भी एक कला है। यहां भक्त मांगता है, पर निःस्वार्थ भाव से, केवल प्रभु के प्रेम की भीख।
भरदे रे श्याम झोली भरदे भजन हिंदी लिरिक्स
Bhar De Re Shyam Jholi Bhar De Lyrics
भरदे रे श्याम झोली भरदे,
भरदे, ना बहला ओ बातों में,
ना बहला ओ, बातों में।।
नादान है अनजान हैं,
श्याम तू ही मेरा भगवान है,
तुझे चाहूं तुझे पाऊं,
मेरे दिल का यही अरमान है,
पढ़ ले रे श्याम दिल की पढ़ले,
सब लिखा है आंखों में,
भरदे रे श्याम झोली भरदे।।
दिन बीते बीती रातें,
अपनी कितनी हुई रे मुलाकातें,
तुझे जाना पहचाना,
तेरे झूठे हुए रे सारे वादे,
भूले रे श्याम तुम तो भूले,
क्या रखा है बातों में,
भर दे रे श्याम झोली भरदे।।
मेरी नैया ओ कन्हैया,
पार करदे तू बनके खिवैया,
मैं तो हारा, गम का मारा,
आजा आजा ओ बंशी के बजैया,
लेले रे श्याम अब तो लेले,
लेले, मेरा हाथ हाथों में,
भर दे रे श्याम झोली भरदे।।
मैं हूं तेरा तू है मेरा,
मैंने डाला तेरे दर पे डेरा,
मुझे आस है विश्वास है,
श्याम भर देगा दामन तु मेरा,
झूमें रे श्याम ‘नन्दू’ झूमें,
झूमें, तेरी बांहों में,
भर दे रे श्याम झोली भरदे।।
भरदे रे श्याम झोली भरदे,
भरदे, ना बहला ओ बातों में,
ना बहला ओ, बातों में।।
Bhar De Re Shyam Jholi Bhar De Bhajan Video
Bhar De Re Shyam Jholi Bhar De Lyrics के साथ हम एक ऐसे सफर से गुज़रते हैं, जो बाहर से भले ही एक साधारण भजन लगे, लेकिन भीतर से हमारे अस्तित्व को हिला देता है। यह भजन हमारे मन-मंदिर में श्रीकृष्ण की वह मूर्ति स्थापित कर देता है, जिसके सामने हम रोज़ अपनी झोली फैलाते हैं। और जैसे-जैसे यह झोली भरती जाती है, हम महसूस करते हैं कि हमारा जीवन कितना धन्य है, क्योंकि हमारे पास वह है, जो इस ब्रह्मांड का सबसे बड़ा खज़ाना है – श्याम का प्रेम।
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