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Shiv Kailasho Ke Vasi Lyrics / शिव कैलाशो के वासी भजन

Shiv Kailasho Ke Vasi Lyrics

शिव जी की आराधना में गाए जाने वाले अनेक भजनों में ‘शिव कैलाशो के वासी’ का विशेष स्थान है। यह भजन न केवल शिव जी के स्वरूप का वर्णन करता है, बल्कि उनकी दिव्य शक्तियों और गुणों को भी प्रकट करता है। Shiv Kailasho Ke Vasi Lyrics में शिव जी के निवास स्थान कैलाश पर्वत से लेकर उनके त्रिनेत्र, जटाओं और रुद्राक्ष की माला तक का उल्लेख है। आज हम इस भजन के गहन अर्थ को समझेंगे और यह जानेंगे कि यह भजन किस प्रकार शिव भक्तों को आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर करता है।

Shiv Kailasho Ke Vasi Lyrics / शिव कैलाशो के वासी भजन

शिव कैलाशों के वासी भजन लिरिक्स

शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा शंकर संकट हरना, भोले शंकर संकट हरना
तेरे कैलाशों का अंत ना पाया तेरे कैलाशों का अंत ना पाया अंत बेअंत तेरी माया, भोले अंत बेअंत तेरी माया
बेल की पत्तीयां भांग धतूरा बेल की पत्तीयां भांग धतूरा शिवजी के मन को लुभाए शिवजी के मन को लुभाए
एक था डेरा तेरा चंबेरे चगाना एक था डेरा तेरा चंबेरे चगाना दूजा लाई दीतता भर मोरा दूजा लाई दीतता भर मोरा
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा शंकर संकट हरना, भोले शंकर संकट हरना, बाबा शंकर संकट हरना, भोले शंकर संकट हरना
यह भजन समर्पित है भोले शंकर के भक्तों को।

Shiv Kailasho Ke Vasi Lyrics Video

Shiv Kailasho Ke Vasi Video

अंत में, ‘शिव कैलाशो के वासी’ भजन हमें भगवान शिव के प्रति समर्पण और भक्ति का संदेश देता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि शिव जी सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं। Shiv Kailasho Ke Vasi Lyrics का नियमित पाठ और गायन हमें आध्यात्मिक उन्नति के पथ पर ले जाता है। आइए हम सभी इस पवित्र भजन को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और शिव जी की कृपा प्राप्त करें।

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